दिल का दौरा (हार्ट अटैक) एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है, जिसमें दिल की धमनियों में रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है, जिससे दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिलते हैं। इससे दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। दिल के दौरे के लक्षणों में छाती में दर्द, बाएं हाथ में दर्द, सांस लेने में परेशानी, चक्कर आना और उल्टी आना शामिल हैं।
दिल के दौरे से बचाव के लिए नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना, धूम्रपान और शराब छोड़ना, तनाव कम करना और नियमित जांच कराना आवश्यक है। इसके अलावा, यदि आपको दिल के दौरे के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत एम्बुलेंस को बुलाएं और नजदीकी अस्पताल में जाएं। दिल के दौरे का इलाज समय पर और उचित तरीके से करने से व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। इसलिए, दिल के दौरे के बारे में जागरूकता और सावधानी बरतना बहुत महत्वपूर्ण है।
हार्ट अटैक के कारण:
1. उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर): उच्च रक्तचाप से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है, जिससे उनमें दरारें पड़ सकती हैं और रक्त का प्रवाह बंद हो सकता है।
2. उच्च कोलेस्ट्रॉल: उच्च कोलेस्ट्रॉल से दिल की धमनियों में वसा जमा हो सकती है, जिससे रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
3. धूम्रपान: धूम्रपान से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और रक्त का प्रवाह कम होता है। साथ ही, धूम्रपान से दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
4. मधुमेह: मधुमेह से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और रक्त का प्रवाह कम होता है। साथ ही, मधुमेह से दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
5. मोटापा: मोटापे से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और रक्त का प्रवाह कम होता है। साथ ही, मोटापे से दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
6. तनाव: तनाव से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और रक्त का प्रवाह कम होता है। साथ ही, तनाव से दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
7. अनियमित जीवनशैली: अनियमित जीवनशैली से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और रक्त का प्रवाह कम होता है। साथ ही, अनियमित जीवनशैली से दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है।
हार्ट अटैक (दिल का दौरा) के लक्षण:
मुख्य लक्षण:
1. छाती में दर्द (चेस्ट पेन): यह दर्द गहरा और दबाव वाला होता है, जो कुछ मिनटों तक रहता है।
2. बाएं हाथ में दर्द: यह दर्द बाएं हाथ में या बाजू में होता है।
3. गर्दन और जबड़े में दर्द: यह दर्द गर्दन और जबड़े में होता है।
4. सांस लेने में परेशानी: हार्ट अटैक के दौरान सांस लेने में परेशानी होती है।
5. चक्कर आना: हार्ट अटैक के दौरान चक्कर आना और बेहोशी महसूस हो सकती है।
अन्य लक्षण:
1. पेट में दर्द
2. उल्टी आना
3. पसीना आना
4. दिल की धड़कन बढ़ना
5. तनाव और चिंता
6. थकान और कमजोरी
7. नींद नहीं आना
8. सीने में जकड़न
महिलाओं में विशेष लक्षण:
1. पेट में दर्द
2. उल्टी आना
3. सांस लेने में परेशानी
4. थकान और कमजोरी
5. तनाव और चिंता
6. नींद नहीं आना
बुजुर्गों में विशेष लक्षण:
1. सांस लेने में परेशानी
2. थकान और कमजोरी
3. तनाव और चिंता
4. नींद नहीं आना
5. सीने में जकड़न
हार्ट अटैक के चरण:
1. पहला चरण: छाती में दर्द और बाएं हाथ में दर्द।
2. दूसरा चरण: सांस लेने में परेशानी और चक्कर आना।
3. तीसरा चरण: बेहोशी और मृत्यु।
युवाओं में बढ़ते दिल के दौरे (हार्ट अटैक) के कारण:
जीवनशैली संबंधी कारण:
1. धूम्रपान: धूम्रपान से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
2. शराब का सेवन: अत्यधिक शराब का सेवन दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।
3. अनियमित आहार: अनियमित आहार से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
4. शारीरिक निष्क्रियता: शारीरिक निष्क्रियता से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
5. तनाव: तनाव से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
चिकित्सा संबंधी कारण:
1. उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
2. उच्च कोलेस्ट्रॉल: उच्च कोलेस्ट्रॉल से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
3. मधुमेह: मधुमेह से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
4. मोटापा: मोटापे से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
5. हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास है, तो हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
आहार संबंधी कारण:
1. उच्च वसा वाला आहार: उच्च वसा वाला आहार से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
2. उच्च नमक वाला आहार: उच्च नमक वाला आहार से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
3. कम फाइबर वाला आहार: कम फाइबर वाला आहार से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
4. अधिक चीनी का सेवन: अधिक चीनी का सेवन से दिल की धमनियों में वसा जमा होती है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
मानसिक संबंधी कारण:
1. तनाव: तनाव से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
2. अवसाद: अवसाद से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
3. चिंता: चिंता से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
4. नींद की कमी: नींद की कमी से दिल की धमनियों पर दबाव बढ़ता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
पहले 5 मिनट में
1. एम्बुलेंस को बुलाएं (102 या 108)
2. मरीज को आरामदायक स्थिति में लिटाएं
3. मरीज के कपड़े ढीले करें
4. मरीज को पानी पिलाएं (यदि वह साँस ले सकता हो)
सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन)
1. मरीज के सीने पर 100 बार तक दबाव डालें
2. हर 30 दबाव के बाद 2 बार साँस दें
अन्य कदम
1. मरीज को एस्पिरिन दें (यदि डॉक्टर ने सलाह दी हो)
2. मरीज को नाइट्रोग्लिसरीन दें (यदि डॉक्टर ने सलाह दी हो)
3. मरीज को गर्म पानी से नहलाएं (यदि वह बेहोश हो)
4. मरीज को हॉस्पिटल ले जाएं
हॉस्पिटल में
1. डॉक्टर से संपर्क करें
2. ईसीजी (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) कराएं
3. मरीज को ऑक्सीजन दें
4. मरीज को दवाएं दें (डॉक्टर की सलाह पर)
महत्वपूर्ण
1. दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत एम्बुलेंस बुलाएं
2. मरीज को अकेला न छोड़ें
3. मरीज को घर पर ही इलाज न करें
4. डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं दें
यह ध्यान रखें कि दिल का दौरा पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करना बहुत महत्वपूर्ण है।
दिल के दौरे से जुड़े कुछ सच्चे किस्से:
32 साल के युवक की मौत*: एक 32 साल के युवक को दिल का दौरा पड़ा और वह sudden cardiac arrest (SCA) से मर गया। उसके परिवार ने बताया कि वह धूम्रपान करता था और शारीरिक निष्क्रियता का शिकार था।
25 साल की लड़की का दिल का दौरा*: एक 25 साल की लड़की को दिल का दौरा पड़ा जब वह जिम में व्यायाम कर रही थी। उसके डॉक्टर ने बताया कि वह उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल से पीड़ित थी।
40 साल के व्यवसायी की मौत*: एक 40 साल के व्यवसायी को दिल का दौरा पड़ा और वह अपने ऑफिस में ही मर गया। उसके परिवार ने बताया कि वह तनाव और अवसाद से पीड़ित था।
28 साल के खिलाड़ी का दिल का दौरा*: एक 28 साल के खिलाड़ी को दिल का दौरा पड़ा जब वह फुटबॉल खेल रहा था। उसके डॉक्टर ने बताया कि वह जन्म से ही हृदय रोग से पीड़ित था।
35 साल की महिला का दिल का दौरा*: एक 35 साल की महिला को दिल का दौरा पड़ा जब वह अपने बच्चे को स्कूल छोड़ने जा रही थी। उसके डॉक्टर ने बताया कि वह उच्च रक्तचाप और मधुमेह से पीड़ित थी।
इन किस्सों से यह सीखने को मिलता है कि दिल का दौरा किसी भी उम्र में हो सकता है और इसके कारण विभिन्न हो सकते हैं। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित जांच कराना बहुत महत्वपूर्ण है।
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