आयुर्वेदिक तरीके से पथरी का इलाज

 आयुर्वेदिक तरीके से पथरी का इलाजआजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में किडनी स्टोन (पथरी) की समस्या आम होती जा रही है। इसकी वजह से पेट में तेज दर्द, पेशाब में जलन, और कई बार ब्लड आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आयुर्वेद में किडनी स्टोन के उपचार के लिए कई प्रभावशाली उपाय दिए गए हैं जो बिना साइड इफेक्ट्स के इस समस्या का समाधान कर सकते हैं। आइए जानते हैं आयुर्वेदिक तरीके से पथरी के इलाज के कुछ बेहतरीन उपायों के बारे में:

आयुर्वेदिक तरीके से पथरी का इलाज

1. गोक्शुरा (Tribulus Terrestris)

गोक्शुरा एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है जो किडनी को साफ करने में मदद करती है और पथरी को गलाने में सहायक होती है। इसका पाउडर या कैप्सूल दिन में दो बार लेने से लाभ मिलता है।

2. वरुण (Crataeva Nurvala)

वरुण का उपयोग विशेष रूप से यूरिनरी सिस्टम की समस्याओं के लिए किया जाता है। यह पेशाब के मार्ग को साफ करता है और पथरी को छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित करके बाहर निकालने में मदद करता है। वरुण की छाल का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पीने से राहत मिलती है।

3. पाषाणभेद (Bergenia Ligulata)

पाषाणभेद का अर्थ ही है "पथरी तोड़ने वाला"। यह किडनी स्टोन को तोड़कर छोटे-छोटे टुकड़ों में बदल देता है जिससे वे आसानी से शरीर से बाहर निकल जाते हैं। इसका काढ़ा बनाकर पीने से बहुत जल्दी लाभ मिलता है।

4. नींबू और जैतून का तेल

नींबू का रस और जैतून का तेल मिलाकर पीने से पथरी घुलने लगती है। नींबू में साइट्रिक एसिड होता है जो पथरी को तोड़ने में सहायक है और जैतून का तेल इसको बाहर निकालने में मदद करता है। इसे दिन में एक बार पीने से राहत मिल सकती है।

5. नारियल पानी

नारियल पानी पीने से भी पथरी के दर्द में आराम मिलता है और यह पथरी को छोटा करने में मदद करता है। यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और यूरिनरी सिस्टम को साफ करता है।

6. तुलसी का रस

तुलसी में प्राकृतिक औषधीय गुण होते हैं। तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसे शहद के साथ मिलाकर रोजाना पीने से किडनी की सफाई होती है और पथरी गलने लगती है।

7. अजवाइन और जीरा

अजवाइन और जीरे को बराबर मात्रा में मिलाकर उसका पाउडर बना लें। इसे रोजाना गुनगुने पानी के साथ लेने से पथरी में राहत मिलती है और यह धीरे-धीरे गलने लगती है।

8. भरपूर मात्रा में पानी पिएं

अधिक मात्रा में पानी पीने से शरीर में मिनरल्स और टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं, जिससे पथरी बनने की संभावना कम होती है। दिन में 8-10 गिलास पानी पीना बहुत आवश्यक है।

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उपरोक्त उपायों का उपयोग करने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें। आयुर्वेदिक उपचारों के साथ-साथ संतुलित आहार और नियमित जीवनशैली बनाए रखना भी आवश्यक है ताकि पथरी दोबारा न बने। आयुर्वेद में किडनी स्टोन का इलाज सुरक्षित और प्रभावी है। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से इलाज करते समय धैर्य रखना आवश्यक है। यदि आप इन उपायों का नियमित रूप से पालन करते हैं तो आप किडनी स्टोन की समस्या से राहत पा सकते हैं और दोबारा इस समस्या का सामना करने से भी बच सकते हैं।

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